kandhe me dard ka upay


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कंधे का अकड़ना - Frozen Shoulder


परिचय
अगर किसी व्यक्ति के कंधें अकड़ जाते हैं सही तरह से काम नहीं करते, किसी भी काम को करने में या सामान को उठाने में रोगी को कंधों में तेज दर्द होता है। ऐसा रोगी की कण्डरा में जलन के कारण होता है जिसकी मदद से ही कंधे इधर-उधर घूमते हैं। कभी-कभी कंधे की उपास्थि में सूजन आने के कारण भी कंधे का काम करना कम हो जाता है।




कारण
काफी समय तक कंधे को न हिला पाना, कंधे से ज्यादा काम न लेना, बहुत देर तक एक ही अवस्था में बैठे रहने से रोगी के कंधे जाम हो जाया करते हैं। इसके अलावा मधुमेह के रोग में और बुढ़ापे में भी अक्सर कंधे अकड़ जाया करते हैं।

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लक्षण
• कंधे को किसी भी दिशा में मोड़ने में रोगी को बहुत दिक्कत होती है।

• रोगी अगर बालों में कंघी करने के लिए हाथ उठाता है या कपड़ों के बटन आदि खोलता है तो उसको बहुत ज्यादा परेशानी होती है।

• रोगी को अगर अपने हाथ को पीछे की ओर करना होता है तो उसके कंधे में बहुत तेज दर्द होता है।

• कंधे का दर्द रोगी की गर्दन और उसके ऊपर के भाग में फैल जाता है।

• कंधे की अकड़न के रोगी के लिए क्या-क्या सावधानी जरूरी है-

• रोगी को रोजाना हाथों और कंधों के हल्के-फुल्के व्यायाम करना बहुत जरूरी है। इससे रोगी के कंधे चलते रहते हैं और जाम नहीं होते।

• रोगी के जिस कंधे में अकड़न हो उस कंधे से हल्का काम करते रहना चाहिए ताकि वह कंधा थोड़ा बहुत चलता रहे।

• रोगी को रोजाना ताजी सब्जियां खानी चाहिए।

• नशीले पदार्थ, चाय, खट्टे फल और चीनी का सेवन रोगी को नहीं करना चाहिए।

• रोगी के कंधे अकड़ जाने पर अगर गर्म पानी को बोतल में भरकर या गर्म पट्टी से सिंकाई की जाए तो रोगी के लिए अच्छा रहता है।

• कंधे की पूरी गतिविधियों को सामान्य होने में कभी-कभी 6 महीने भी लग सकते हैं इसलिए रोगी को सब्र से काम लेना चाहिए।

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