लेज़र ऑय सर्जरी !
लेज़र ऑय सर्जरी के बारे में आप ने तो सुना होगा लेकिन क्या जानते हैं कि यह कैसे काम करती है दोस्तों लेज़र हम्हें बचपन से काफी देखने को मिलते है चाहे बो लेज़र टोर्च हो या मोबाइल की फ़्लैश लाइट या अन्य कोई लेज़र उपकरण ये काफी तेज लाइट छोड़ते है
लेजर सर्जरी के बारे में आप ने तो सुना होगा लेकिन क्या जानते हैं कि यह कैसे काम करती है दोस्तों लेज़र हम्हें बचपन से काफी देखने को मिलते है चाहे बो लेज़र टोर्च हो या मोबाइल की फ़्लैश लाइट या अन्य कोई लेज़र उपकरण ये काफी तेज लाइट छोड़ते है
आप सभी लोगों ने कई बार सुना होगा कि सूरज की तरफ ना देखो देखो लेजर लाइट को आंखों पर पॉइंट ना करो नुकसान हो जायेगा तो कैसे कोई नुकसान करने बाली चीज किसी आँखों के मरीज की रोशनी इम्प्रूब कर सकती है इसी के बारे में बात करते है
सबसे पहले बात करते है की आप देख कैसे पाते है तो यहाँ पर आप को दोनों ही आँखों में एक एक लेंस देखने को मिलता है
जिसके बाद आप ठीक तरीके से देख पाते है तो यहाँ पर जो लेंस है बो अपने आप को मोटिफाई करता है कुच्छ इस तरीके से की अगर आप कोई ऑब्जेक्ट को देखे फिर बो चाहे बहूत पास हो या बहूत दूर तो लेंस जो है अपनी सेप कुच्छ इस तरीके से चेंज करता है और जो फ़ोकस बने बो सीधे रेटिना के ऊपर और बाद में रेटिना से जाकर ऑप्टिक नर्व में आप के दिमाग तक पहुँच सके
लेकिन कई बार ऐसा होता की जों लेंस है अपनी सेप सही से नहीं रख पता है कई बार मोटा हो जाता है कई बार पतला हो जाता जिस के कारण आँखों में दोष उत्पन्न हो जाता है जिस के कारण हम्हे पास व दूर की वस्तुए स्पष्ट रूप से नहीं दिखाई देतीं है
तो अब जानते है लेसिक सर्जरी आँखों में हुए इन दोष को कैसे काम में लेते है (laser-assisted in situ keratomileusis) तो ये होता है लेसिक सर्जरी का पूरा नाम और ये काम कैसे करती है
यहाँ पर सबसे पहेला होता ये है की डॉक्टर्स सबसे पहले कोर्निया में एक कट लगाते है हो सकता है की माइक्रोस्कोपिक नाइफ से हो या किसी लेज़र कि मदद से और इस के बाद कोर्निअल टिसू पर बहूत ही बारीकी से और बहूत ही कंट्रोल से नैनो सेकेंड के लिए एक लेज़र लाइट छोड़ते है जो की सीधे कोर्निया पर पड़ती है इसके बाद कॉर्निया अपनी शेप चेंज करता है बापस उसी शेप में जैसा पहले थी इसके बाद आप का जो विजन है बो ठीक हो जाता है
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लेज़र ऑय सर्जरी !
लेजर सर्जरी के बारे में आप ने तो सुना होगा लेकिन क्या जानते हैं कि यह कैसे काम करती है दोस्तों लेज़र हम्हें बचपन से काफी देखने को मिलते है चाहे बो लेज़र टोर्च हो या मोबाइल की फ़्लैश लाइट या अन्य कोई लेज़र उपकरण ये काफी तेज लाइट छोड़ते है
आप सभी लोगों ने कई बार सुना होगा कि सूरज की तरफ ना देखो देखो लेजर लाइट को आंखों पर पॉइंट ना करो नुकसान हो जायेगा तो कैसे कोई नुकसान करने बाली चीज किसी आँखों के मरीज की रोशनी इम्प्रूब कर सकती है इसी के बारे में बात करते है
लेज़र ऑय सर्जरी कैसे काम करती है
सबसे पहले बात करते है की आप देख कैसे पाते है तो यहाँ पर आप को दोनों ही आँखों में एक एक लेंस देखने को मिलता है
जिसके बाद आप ठीक तरीके से देख पाते है तो यहाँ पर जो लेंस है बो अपने आप को मोटिफाई करता है कुच्छ इस तरीके से की अगर आप कोई ऑब्जेक्ट को देखे फिर बो चाहे बहूत पास हो या बहूत दूर तो लेंस जो है अपनी सेप कुच्छ इस तरीके से चेंज करता है और जो फ़ोकस बने बो सीधे रेटिना के ऊपर और बाद में रेटिना से जाकर ऑप्टिक नर्व में आप के दिमाग तक पहुँच सके
लेकिन कई बार ऐसा होता की जों लेंस है अपनी सेप सही से नहीं रख पता है कई बार मोटा हो जाता है कई बार पतला हो जाता जिस के कारण आँखों में दोष उत्पन्न हो जाता है जिस के कारण हम्हे पास व दूर की वस्तुए स्पष्ट रूप से नहीं दिखाई देतीं है
तो अब जानते है लेसिक सर्जरी आँखों में हुए इन दोष को कैसे काम में लेते है (laser-assisted in situ keratomileusis) तो ये होता है लेसिक सर्जरी का पूरा नाम और ये काम कैसे करती है
यहाँ पर सबसे पहेला होता ये है की डॉक्टर्स सबसे पहले कोर्निया में एक कट लगाते है हो सकता है की माइक्रोस्कोपिक नाइफ से हो या किसी लेज़र कि मदद से और इस के बाद कोर्निअल टिसू पर बहूत ही बारीकी से और बहूत ही कंट्रोल से नैनो सेकेंड के लिए एक लेज़र लाइट छोड़ते है जो की सीधे कोर्निया पर पड़ती है इसके बाद कॉर्निया अपनी शेप चेंज करता है बापस उसी शेप में जैसा पहले थी इसके बाद आप का जो विजन है बो ठीक हो जाता है
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