हैजा का होम्योपैथिक इलाज homeopathic medicine for cholera

हैजा का होम्योपैथिक इलाज homeopathic medicine for cholera



हैजा - Cholera



गर्मियों के मौसम Cholera हैजा के मरीज़ काफ़ी बड़ जाते है ऐसा इस लिये गर्मियों के मौसम में गंदगी के कारण होता है और हैजा के जीवाणु अधिक सक्रिय हो जाने के कारण तेजी से फलते है और ये अधिकतर दूषित पानी, दूषित खाना, गंदगी के कारण होता है या नदी नालियों में अधिक गंदगी के कारण होता है 



परिचय
हैजा उस रोग को कहते हैं जब रोगी को दस्त होने के साथ ही उल्टी आती है। यह एक प्रकार का ऐसा संक्रामक रोग है जो छोटी आंत में एक बैक्टीरिया विब्रियो कालरा के कारण होता है। जब यह रोग अधिक गम्भीर हो जाता है तो रोगी के शरीर से लगभग एक लीटर जल करीब एक घंटे में खत्म हो जाता है। इस प्रकार की अधिक गम्भीर अवस्था उत्पन्न होने पर रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे इस रोग के अधिक पीड़ित होते हैं।

हैजा रोग से संबंधित असरदार कुछ होम्योपैथिक दवाइयाँ इस प्रकार है


1. एकोनाइट-नैप
रोगी में इस प्रकार के हैजा से संबंधित लक्षण हों जैसे- गले हुए तरबूज के पानी की तरह दस्त होना, पेट में तेज दर्द होना, बेचैनी, ठंड महसूस होना, मृत्यु का डर, बुखार के साथ दस्त और उल्टी आना, खूनी दस्त और उल्टी होना आदि। ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए एकोनाइट-नैप औषधि का उपयोग करना चाहिए। गर्मी या सर्दी लगकर हैजा हुआ हो या बुखार मिले हैजा हुआ हो तो इस रोग का उपचार करने के लिए इस औषधि की 1x मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।

2. एसिड-फास
बिना दर्द का भूरे रंग का दस्त हो रहा हो या पुराना अतिसार हैजा रोग में बदल जाए अथवा बहुत अधिक संभोग करने के कारण से हैजा हो जाए और भोजन के बाद दाहिनी करवट सोने से रोग के लक्षणों में वृद्धि हो तो रोग का उपचार करने के लिए एसिड-फास औषधि की 3 शक्ति का प्रयोग करना फायदेमंद होता है।


3. ब्रायोनिया
यदि हैजा रोग से पीड़ित किसी रोगी में इस प्रकार के लक्षण हों जैसे- पतले खून-मिले दस्त अधिक मात्रा में आना, मांड की तरह गाढ़े, हरे रंग के या पतले खून-मिले दस्त आना, अजीर्ण के दस्त आना, सड़े या बदबूदार दस्त आना, बुखार रहना, मुंह तथा जीभ सूखा रहना, अधिक मात्रा में प्यास लगना, सिर में दर्द होना, मुंह का स्वाद तीता लगना, मिचली आना, पीली या हरे रंग की कड़वी उल्टी आना, पेट में दर्द होना, सिर हिलाना, ठंडी या खट्टी चीजें पीने की इच्छा होना, बुखार होना तथा बकते रहना आदि। ऐसे रोगी के इस रोग को ठीक करने के लिए ब्रायोनिया औषधि की 3 शक्ति का सेवन करने से अत्यंत लाभ मिलता है।


4. बैप्टीशिया
पीले रंग की पानी की तरह बदबूदार दस्त आना, खून तथा श्लेष्मा मिले दस्त आना, उल्टी तथा मिचली आना, सांस लेने पर बदबू आना, पसीने से बदबू आना, नाड़ी कोमल और पूर्ण रहना, बुखार रहना, पूरे शरीर में दर्द रहना, अधिक सुस्ती आना, चेहरे का रंग गहरा लाल होना, अधिक मोह होना, बात करते-करते सो जाना, नींद न आना या फिर गहरी नींद आना, पेट अंदर की ओर धंसते हुए महसूस होना, जीभ का बीच का भाग पीला और भूरा तथा किनारे वाला भाग चमकीला और लाल रंग का होना, पेट में बिना दर्द के ऐंठन होना आदि प्रकार के लक्षण हैजा से पीड़ित रोगी में दिखाई दें तो उसके रोग का उपचार करने के लिए बैप्टीशिया औषधि की 1x मात्रा या 6 शक्ति का प्रयोग करें।



5. फास्फोरस
हैजा से संबंधित इस प्रकार के लक्षण रोगी में हों जैसे- बिना दर्द के दस्त आना, मलद्वार खुला रहना, दस्त हरे या श्लेष्मा की तरह होना, अनजाने में मलत्याग हो जाना, गरम चीज खाने पीने के बाद रोग के लक्षणों में वृद्धि होना, बहुत ज्यादा नमक खाने के कारण से दस्त होना, पानी की तरह बिना दर्द के दस्त आना, गर्म उल्टी होना, मल में साबूदाना की तरह का पदार्थ आना आदि तो ऐसे रोगी की चिकित्सा करने के लिए फास्फोरस औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग करना फायदेमंद होता है।



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