योगासन !
अर्धबाध्य पदमोतनासन अनेक दृष्टियों से लाभप्रद है खड़े होकर दोनों पैरों को मिलाएं गर्दन सीधी रखते हुए सामने की ओर देखें अब बाएं पैर पर शरीर का भार डालते हुए सांस भरें और दाएं पैर के पंजे को बाएं जांघ पर ऊपर की ओर के दाहिने हाथ को की तरफ से ले जाते हुए दाए पंजे की उंगलियों को पकड़ने ले इस स्थिति में दो बार से जरूर से सांस लें और थोड़े
योगासन |
फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे को आगे की ओर झुके और बाएं हाथ को जमीन पर टिका दें नाक घुटने से सट जाने दे इस अवस्था को लगभग 1 मिनट तक से सांस लेते रहें इसके बाद पहले दाएं हाथ को सामान्य स्थिति में लाएं फिर सांस भरते हुए धड को ऊपर उठाएं एकदम सीधे खड़े हो जाने पर दाहिने पैर के पंजे को छोड़ दें दाया पैर भी नीचे कर ले और दोनों हाथों को सहेज रखते हुए दोनों पैरों पर सामान्य वजन लेकर खड़े हो जाएं।
उसके बाद यही प्रक्रिया दाएं पैर पर शरीर का भार डालते हुए दोहराएं जिसमें बाएं पैर का पंजा दाएं जांघ पर हो और पैरों से प्रक्रिया दो-दो बार करें।
क्या है इस के लाभ
- एकाग्रता बढ़ती है।
- सीने और कंधे की मांसपेशियों करने से सांस संबंधी रोगों में राहत मिलती है।
- घुटनों और कंधे की जकड़न समाप्त होती है और बे लचीले बनते हैं।
- पैर शक्तिशाली होते हैं और उनकी कपकपी दूर होती है
- शरीर समग्र रूप से संतुलित रहता है।
- नाभि के संकुचन के कारण कब्ज समाप्त होता है और हाजमा मजबूत होता है।
- गैस बनने सहित अन्य वायुजनित के लिए रोगों से मुक्ति मिलती है।
क्या है साबधनिया
- आप चाहे तो हाथ को मोड़कर पीठ पर रखने के बजाय दोनों हाथों को ऊपर कर उंगलियों को इंटरलॉक कर सकते हैं बशर्ते आपको कोई हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम ना हो
- यदि पैर इतना ऊपर न जा पाए कि हाथ को पीछे की तरफ से ले जा कर पंजे को पकड़ा जा सके तो पंजे को जबरन ऊपर ना लाएं और हाथ को पीठ पर ही रखने और इसी स्थिति में झुके
- कुल्हो के जोड़ों से ही है और फिर सीधे खड़े हो जाएं
- अगर कान संबंधी रोग हो या चक्कर आते हैं या संतुलन संबंधित कोई अन्य परेशानी हो तो किसी दीवार के पास ही इसका अभ्यास को करें
- पीठ दर्द गर्दन में दर्द सियाटिका हैमस्ट्रिंग मांसपेशियों में खिंचाव रीढ़ से जुड़ी परेशानियों में और गर्भावस्था के दौरान है यह आसन वर्जित है।
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